卍 ऊँ देवीदास जू नमो नमः श्री सांवले नमो नमः| पुरवा अधिपति नमो नमः जय देवी दास जू नमो नमः|| 卍

Saturday, March 16, 2019

कीर्ति गाथा 20

         देवीदास की समाधि द्वारा गुरूदत्तह दास जी का महन्थस के लिए नाम करण करना :-
कोटवाधाम से आने के बाद कुछ दिन तक तो सब ठीक रहा लेकिन पटीदार लोगों ने समर्थ गुरू दत्तु दास साहब को परेशान करना बंद नहीह किया किसी न किसी बहाने साहब को परेशान करते ही रहते आखिरकार जब साहब ने देखा कि ये लोग सुधरने वाले नहीं हैं तो साहब ने प्रशासन की मदद ली कप्ता न साहब पुलिस बल के साथ पुरवाधाम आये और सबको इकठ्ठा किया और गांव के अन्यी लोगों से बात की तथा समझा बुझा कर मामले को सुलझाने की कोशि‍श की लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला अत: कप्ताान साहब ने एक बडा फैसला किया और कहा कि आप सभी लोग सम्मा नित सिद्ध पुरूष के बंशज है अत: आप लोंगो के झगडे का फैसला भी समाधिस्थअ सिद्ध पुरूष समर्थ साहबदेवीदास जी ही करेंगे, और फिर कप्ता न साहेब ने कागज और कलम समर्थ साहब देवीदास की समाधि में रखवा दिया और पूरी तरह समाधि के अन्दऔर देखकर आश्वदस्त  हो गये कि कही कोई भी व्याक्ति समाधि के अन्दरर नही है और कहा कि अगर देवीदास साहब को आप लोग शक्ति स्वूरूप मानते हो और वे समर्थ है तो जिसका नाम देवीदास साहब महन्थ  के रूप में लिख देंगे वही पुरवाधाम का महन्थ् होगा और कलम कागज अंदर रखकर बाहर से दरवाजा बन्दा कर दिया। गांव के सैकडो लोग समर्थ साहेब देवीदास की समाधि के बाहर कौतुहल एवं उत्सु कता वश साहब के फैसले का इंतजार कर रहे थे थोडी देर बाद पुलिस कप्ता न साहब ने दरवाजा खुलवाया। और समाधि के अन्दथर रखा हुअ कागज निकाला तो उसमे समर्थ साहेब गुरूदत्तज दास साहब का नाम लिखा हुआ था। यह चमत्कालर देखकर कप्ता न साहब भी आश्चसर्य चकित हो गये और बोले आप लोग ऐसे महान सन्त‍ के बंशज होते हुए सिद्धस्थाआन केा बदनाम करते हो लडाई झगडा करते हो। उन्होतने वह कागज भी सबको दिखाया और पूछा कि अभी भी किसी को कोई संदेह है लोगों ने जब देखा तो कुछ बुजुर्ग लोगों ने समर्थ साहब देवीदास जी की लिखावट को पहचान गये और गांव वालों ने देवीदास साहब की जय गुरूदत्तब दास साहब जी को महन्थन बनना चाहिए इस घटना से कप्ताीन साहब भी बहुत प्रभावित हुए तथा देवीदास साहब की समाधि एवं गुरू दत्तक दास साहब को प्रणाम कर वहॉ से चले गये।

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